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15 May 2024 · 1 min read

विरह की वेदना

ये फूल जुदा होता है डाली से।
देखा नहीं जाता है यह माली से।।

दृश्य कुछ ऐसा होता है,
कि फिर माली के लिए सब कुछ पैसा होता है।
2 संज्ञाओं का आपस में जुदा होना दुःखद घटना नहीं है,
बल्कि अलगाव का कारण है।।

मेरे आँगन का फूल, मेरे घर की तमाम वस्तुएं एक तरफ।
औ’
मैं एक तरफ ।।

क्यूंकि हम दोनों ही एक दूसरे को सांत्वना देते रहते हैं,
दुःखी, अनिश्चित, चंचल, भय, ग्लानि और शंकित मन से।
कोशिश यह रहती है,
कि दोनों समझेंगे किसी रोज़ एक-दूसरे का मन।।

बूझते हैं कि हमेशा साथ बना रहेगा।
लगाव व दबाव हर हाथ बना रहेगा।।

किंतु कौन बूझे इस मानव मन को।
सदैव कुछ भी नहीं, स्थायित्व भ्रम मात्र है।।

जैसे जीवन छलावा है, सब कुछ एक दिखावा है।
माटी में मिल जाना है, कर्म मात्र रह जाना है।।

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