— समस्या कभी खत्म नही होगी —
बेशक..कोई भी आ जाए
सरकार
सब के बीच हर वक्त
रहेगी तकरार
कोई नही बिगाड़ता है
अपना व्यापार
बस बेचारी जनता हर वक्त
रहेगी लाचार
बेशक बेरौनक हो जाएँ
सारे बाजार
मरता रहेगा रह रह कर
हर दम बंदा बेजार
सब करते हैं काम अपने
पर सरकार करती व्यापार
चाहे देश में हो या विदेश में
नही बिगाड़ते सम्बन्ध
बल्कि और हो जाते हैं
यह गुलज़ार
पिसेगी जनता, बेशक रो रो कर
सदा रहेगी लाचार
यह सब एक ही थैली के हैं
चट्टे बट्टे
सदा दिखाने को करते रहेंगे
दिखावे का ही कारोबार
आगे आगे देखते जाओ
कितना चलेगा कारोबार
जिस के लिए चुनती है
जनता इनको बनती है सिरमौर
वही करते हैं आकर
प्रहार चारो ओर
अजीत कुमार तलवार
मेरठ