Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2016 · 1 min read

समय

२२१२…२२१२…२२१२..२२१२
आधार छंद — हरिगीतिका
समांत – आ, पदांत – कर चल दिए
धुन श्री राम चंदर कृपालु…..
कैसा समय यह आ गया , खुद को उठा कर चल दिये
बिजली गिरी है कब किधर, गुनगुनाकर चल दिये।-१

दिल तोड़ते वे रोज हैं पर , मन में न रखते मलाल
पीड़ा छिपा कर दिल में’ ही हम सर झुका कर चल दिये।-२

माया में’ फँस कर के सभी ही, गिरते’ हैं देखो रात दिन
कुछ ही पलों की चाँदनी फिर मुँह छिपा कर चल दिये।-३

झूठे दिखावे में ही लगे, बातें करें हैं खोखली
सपने सजा कर खूब ही वे, हाथ हिला कर चल दिये।-४

बेबस से’ हैं सब लोग तडपते’, रोने का है रोग हुआ
ख़ाली बुने हैं बैठ सपने, ध्यान बँटा कर चल दिये।-५

हमको ‘लता’ है दुख बहुत, क्या हो रहा संसार को
कैसे कटे यह जिंदगी हम तिलमिला कर चल दिये।-६
सूक्षम लता महाजन

Language: Hindi
288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कितना प्यारा कितना पावन
कितना प्यारा कितना पावन
जगदीश लववंशी
शुभ प्रभात
शुभ प्रभात
Rambali Mishra
क्या कहें
क्या कहें
Padmaja Raghav Science
*एनी बेसेंट (गीत)*
*एनी बेसेंट (गीत)*
Ravi Prakash
चुनाव के बाद अयोध्या
चुनाव के बाद अयोध्या
Sudhir srivastava
कुछ याद बन
कुछ याद बन
Dr fauzia Naseem shad
यक्षिणी-9
यक्षिणी-9
Dr MusafiR BaithA
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
मैं पर्वत हूं, फिर से जीत......✍️💥
Shubham Pandey (S P)
जीवन भर यह पाप करूँगा
जीवन भर यह पाप करूँगा
Sanjay Narayan
शिव आराध्य राम
शिव आराध्य राम
Pratibha Pandey
आया सावन मन भावन
आया सावन मन भावन
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
- हर हाल में एक जैसे रहो -
- हर हाल में एक जैसे रहो -
bharat gehlot
...........
...........
शेखर सिंह
परम तत्व का हूँ  अनुरागी
परम तत्व का हूँ अनुरागी
AJAY AMITABH SUMAN
"शीशा और रिश्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
हाथों की लकीरों को हम किस्मत मानते हैं।
हाथों की लकीरों को हम किस्मत मानते हैं।
Neeraj Agarwal
चलो कुछ नया करते हैं
चलो कुछ नया करते हैं
AMRESH KUMAR VERMA
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
Otteri Selvakumar
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
मेरी नज्म, मेरी ग़ज़ल, यह शायरी
VINOD CHAUHAN
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
*राखी  आई खुशियाँ आई*
*राखी आई खुशियाँ आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3419⚘ *पूर्णिका* ⚘
3419⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"जिन्दगी के इस युद्ध में अपने हिस्से आये कृष्ण को संभाले रखन
पूर्वार्थ
जाल ....
जाल ....
sushil sarna
बसंती हवा
बसंती हवा
Arvina
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
ये अमलतास खुद में कुछ ख़ास!
Neelam Sharma
मत घबराओ
मत घबराओ
Sanjay ' शून्य'
आज कल !!
आज कल !!
Niharika Verma
ये लोकतंत्र की बात है
ये लोकतंत्र की बात है
Rohit yadav
Loading...