Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jan 2019 · 1 min read

सबसे प्यारा मेरा महबूब

मुझे देखती है, मुझे सोचती है,
अगर कुछ कहूँ तो ,बहुत बोलती है।।
कभी है रुलाती ,कभी है हसाती,
कभी खवाब में आके, मुझको सताती।।
सुनो मेरे यारो, मेरा जो सनम है,
थोड़ी भोली है वो, मगर बेरहम है।।
थोड़ा ठरकी है वो, थोड़ा सनकी है वो,
वो रूठी है मुझसे, थोड़ा खटकी है वो।।
मगर सबसे ज्यादा, निराली है वो तो,
मेरे दोस्तों में, सबसे प्यारी है वो तो।।

Language: Hindi
Tag: गीत
236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

उफ ये सादगी तुम्हारी।
उफ ये सादगी तुम्हारी।
Taj Mohammad
भ्रम और शक ( संदेह ) में वही अंतर है जो अंतर धुएं और बादल मे
भ्रम और शक ( संदेह ) में वही अंतर है जो अंतर धुएं और बादल मे
Rj Anand Prajapati
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
समाजों से सियासत तक पहुंची
समाजों से सियासत तक पहुंची "नाता परम्परा।" आज इसके, कल उसके
*प्रणय*
4609.*पूर्णिका*
4609.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* कभी दूरियों को *
* कभी दूरियों को *
surenderpal vaidya
वापस
वापस
Dr.sima
नाग पंचमी आज
नाग पंचमी आज
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
यादों पर एक नज्म लिखेंगें
Shweta Soni
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
*आत्मा की वास्तविक स्थिति*
Shashi kala vyas
खोजें समस्याओं का समाधान
खोजें समस्याओं का समाधान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
विश्वास
विश्वास
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
बस हौसला करके चलना
बस हौसला करके चलना
SATPAL CHAUHAN
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
आज़ादी की चाह
आज़ादी की चाह
अरशद रसूल बदायूंनी
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
Parvat Singh Rajput
शुभ सवेरा
शुभ सवेरा
C S Santoshi
कुंडलिया. . .
कुंडलिया. . .
sushil sarna
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है
नूरफातिमा खातून नूरी
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
उम्र जो काट रहे हैं तेरी यादों के सहारे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
Atul "Krishn"
जब में थक जाता और थककर रुक जाना चाहता , तो मुझे उत्सुकता होत
जब में थक जाता और थककर रुक जाना चाहता , तो मुझे उत्सुकता होत
पूर्वार्थ
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
"धन-दौलत" इंसान को इंसान से दूर करवाता है!
Ajit Kumar "Karn"
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
उनसे नज़रें मिलीं दिल मचलने लगा
अर्चना मुकेश मेहता
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
सहज रिश्ता
सहज रिश्ता
Dr. Rajeev Jain
प्यार का नाम मेरे दिल से मिटाया तूने।
प्यार का नाम मेरे दिल से मिटाया तूने।
Phool gufran
Loading...