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23 Jun 2022 · 1 min read

रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है

मन मेरा हज़ारों बार टूटा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है

आदमी विराने में खो जाता है
सच पर झूठ हावी हो जाता है
सच आने में देर हो जाता है
झूठा क्षणिक शेर हो जाता है

लुटेरों ने सच्चाई को लूटा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है ।

बेशर्मों की तरह हंसते रहते हैं
खुद की तारीफ करते रहते हैं
वे बिल्कुल चिकने से घड़े है
कामचोर,ढीठ ठाट से पड़े हैं

कोई भी ऐब ना उनसे छूटा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है।

बातों में सबको लपेट लेता है
फायदे की चीज समेट लेता है
ना किसी का सम्मान करता है
ना रब का गुणगान करता है

तेरे दर पे दुवा का हाथ उठा है
रब तेरा आदमी बड़ा झूठा है।

नूर फातिमा खातून नूरी
जिला कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: Poem
2 Likes · 1 Comment · 221 Views
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