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21 Nov 2019 · 1 min read

आज़ादी की चाह

प्रभु ऐसा दो हमें वरदान
नापें हम तेरा आसमान

नहीं है धन दौलत की चाह
दिखाना आज़ादी की राह

ऐ काश, होते पंख हमारे
तोड़ लाते गगन के तारे

दुखी है कौन अपने घर में
देखें जग को एक नजर में

काम जग में ऐसे भी करें
दीन दुखियों के संताप हरें

आज़ादी का हो सदुपयोग
सेवा में हम करें उपयोग

चाहूं में ऐसी आज़ादी
रोके जो जग की बर्बादी

3 Likes · 1 Comment · 507 Views
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