– सबको एकल जिंदगी चाहिए –
सबको एकल जिंदगी चाहिए –
कोई नही रहना चाहता बंदिश में ,
सबको खुला आसमान चाहिए,
नभ के तले रहते है सभी आज,
संयुक्त परिवार सी छत न चाहिए,
संयुक्त परिवार को समझते है आजादी में अड़चन,
एकल परिवार मिया बीबी और बच्चे बस साथ चाहिए,
मां बाप को बोझ समझते है ,
अपने बेटे से रखते है सेवा की इच्छा,
पर अपने मां बाप ना साथ चाहिए,
आजकल सबको एकल जिंदगी चाहिए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान