सबका अपना अपना साथ है___ गजल / गीतिका
हर रंग की अपनी बरसात है।
सबका अपना अपना साथ है।
बहती हवाएं,छाती काली घटाएं,
बादलों को मिटानी धरती की प्यास है।।
कोई यहां तो कोई वहां घूमता दिन रात,
उसे अपने हमराही की तलाश हे।।
राजनीति में नेता का होना जरूरी अगर
मतदाता ही उसके भविष्य की आस है।।
झरनों को जमी की,नदी को सागर की
दोनों का अपना इन्हीं पर विश्वास है।।
जीवन _ मृत्यु के रेलै में,हर जीव के मेले में।
एक के बिना दूसरे का,महत्व नहीं खास है।।
राजेश व्यास अनुनय