Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Mar 2018 · 1 min read

सफेद साङी

अवसान के समय स्वरमय पहना दिया सफेद कफन
सभला दी गयी बंदिशो और प्रथाओं की ढेरों चाबियां
जिस सिन्दूरी रिश्ते को वो मनुहार से जीती आयी थी
वही निर्जीव नसीब में लिख गया जमाने की रूसवाईयां।

उसके माथे की लाली फिर धो दी समाज के ठेकेदारों ने
आंगन में लाल चूङियां भी तोङ दी वज्रकठोर रिश्तेनातों ने।
कानून बनाकर मौलिक अधिकारों पे संविधान लागू हो गये
वैधव्य का वास्ता देकर समाजी रंगो की वसीयत लूट ले गये।

सरहदें तय कर दी गयी अब घर की देहरी, चौखट तक की
उसकी जागीर से छीन ली गयी मुस्कराहट उसके होठों की।
स्पन्दित आखें नमक उतर आया गंगाजल से उसे शूद्ध कराया
बटवारें में ऐलान सांसों को गिन गिन कर लेने का आया।

निरामयता समपर्ण से जुङे रिश्ते तो उसे निभाने ही होंगे
शून्य सृष्टि सी प्रकृति संग विरक्ति के नियम अपनाने होंगे
बिछोह का दंश रोज छलेगा तपस्या ही अब जीवन होगा।
तन पे सफेद साङी सूनी कलाई और खामोश मातम होगा।

डा. निशा माथुर/8952874359(whatsapp)

Language: Hindi
447 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डोला कड़वा -
डोला कड़वा -
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हँसाती, रुलाती, आजमाती है जिन्दगी
हँसाती, रुलाती, आजमाती है जिन्दगी
Anil Mishra Prahari
करवाचौथ
करवाचौथ
Surinder blackpen
सादगी मशहूर है हमारी,
सादगी मशहूर है हमारी,
Vishal babu (vishu)
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
Ravi Ghayal
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
आँखों से भी मतांतर का एहसास होता है , पास रहकर भी विभेदों का
DrLakshman Jha Parimal
■ मंगलमय हो प्राकट्य दिवस
■ मंगलमय हो प्राकट्य दिवस
*Author प्रणय प्रभात*
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
*सर्वोत्तम शाकाहार है (गीत)*
*सर्वोत्तम शाकाहार है (गीत)*
Ravi Prakash
खुद की एक पहचान बनाओ
खुद की एक पहचान बनाओ
Vandna Thakur
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
किताब
किताब
Lalit Singh thakur
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
मेघा तू सावन में आना🌸🌿🌷🏞️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िंदगी क्या है ?
ज़िंदगी क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
Vedha Singh
#धोती (मैथिली हाइकु)
#धोती (मैथिली हाइकु)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
अपने अपने युद्ध।
अपने अपने युद्ध।
Lokesh Singh
शेर ग़ज़ल
शेर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
पी रहे ग़म के जाम आदमी
पी रहे ग़म के जाम आदमी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कुर्सी खाली कर
कुर्सी खाली कर
Shekhar Chandra Mitra
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
शेखर सिंह
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
इत्र, चित्र, मित्र और चरित्र
Neelam Sharma
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
dr arun kumar shastri -you are mad for a job/ service - not
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हिन्दू जागरण गीत
हिन्दू जागरण गीत
मनोज कर्ण
स्वार्थ से परे !!
स्वार्थ से परे !!
Seema gupta,Alwar
रणजीत कुमार शुक्ल
रणजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
तो मेरे साथ चलो।
तो मेरे साथ चलो।
Manisha Manjari
Loading...