Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Feb 2024 · 1 min read

सफ़र में था

जब तक रहा जहान मे हर वक्त सफर मे था
रूके कदम तो बस जब तलक कफन मे था
पहुंचे खुदा के समाने वो भी दिल्लगी कर उठा
सच मे कफन मे था या तब भी सफर मे था
रब की दिल्लगी पे हम भी मुस्कुरा के बोले
यायावरी की फितरत का आलम न पूछिए हुजूर
कफन की क्या बिसात कफन की छोड़िए हुजूर
कफन तो बदन मे था “अयन” तो सफर मे था

(स्वरचित मौलिक रचना)
M.Tiwari”Ayan”

Language: Hindi
1 Like · 75 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Tiwari 'Ayan'
View all
You may also like:
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
Aarti sirsat
हे! प्रभु आनंद-दाता (प्रार्थना)
हे! प्रभु आनंद-दाता (प्रार्थना)
Indu Singh
झूठ की जीत नहीं
झूठ की जीत नहीं
shabina. Naaz
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Friendship day
Friendship day
Neeraj kumar Soni
गर्मी की लहरें
गर्मी की लहरें
AJAY AMITABH SUMAN
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
सागर तो बस प्यास में, पी गया सब तूफान।
Suryakant Dwivedi
दिव्य दर्शन है कान्हा तेरा
दिव्य दर्शन है कान्हा तेरा
Neelam Sharma
करती रही बातें
करती रही बातें
sushil sarna
*आओ बैठो कुछ ध्यान करो, परमेश्वर की सब माया है (राधेश्यामी छ
*आओ बैठो कुछ ध्यान करो, परमेश्वर की सब माया है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
इशरत हिदायत ख़ान
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
Sunil Maheshwari
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
कृष्णकांत गुर्जर
"सफलता कुछ करने या कुछ पाने में नहीं बल्कि अपनी सम्भावनाओं क
पूर्वार्थ
जी हमारा नाम है
जी हमारा नाम है "भ्रष्ट आचार"
Atul "Krishn"
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों  का गगन था.....
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों का गगन था.....
दीपक झा रुद्रा
#सुप्रभात-
#सुप्रभात-
*प्रणय*
4386.*पूर्णिका*
4386.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माँ
माँ
संजय कुमार संजू
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पधारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
पधारे दिव्य रघुनंदन, चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
2) भीड़
2) भीड़
पूनम झा 'प्रथमा'
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
"बह रही धीरे-धीरे"
Dr. Kishan tandon kranti
ब्राह्मण बुराई का पात्र नहीं है
ब्राह्मण बुराई का पात्र नहीं है
शेखर सिंह
दरकती ज़मीं
दरकती ज़मीं
Namita Gupta
रहगुज़र में चल दिखाता आइनें
रहगुज़र में चल दिखाता आइनें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...