Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2024 · 1 min read

पृथ्वी की दरारें

पृथ्वी की दरारें
अपना दर्द बयां
करती हैं
हम नादां
अनदेखा कर
बढ़ते रहते हैं

45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इज़ाजत लेकर जो दिल में आए
इज़ाजत लेकर जो दिल में आए
शेखर सिंह
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दोपहर जल रही है सड़कों पर
दोपहर जल रही है सड़कों पर
Shweta Soni
चिंता
चिंता
RAKESH RAKESH
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
क्यों नहीं देती हो तुम, साफ जवाब मुझको
gurudeenverma198
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
तस्वीरों में मुस्कुराता वो वक़्त, सजा यादों की दे जाता है।
Manisha Manjari
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
प्रेमदास वसु सुरेखा
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
Suryakant Dwivedi
*श्रीराम*
*श्रीराम*
Dr. Priya Gupta
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
*जीवन खड़ी चढ़ाई सीढ़ी है सीढ़ियों में जाने का रास्ता है लेक
Shashi kala vyas
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
प्रेम पर्याप्त है प्यार अधूरा
Amit Pandey
#सुबह_की_प्रार्थना
#सुबह_की_प्रार्थना
*Author प्रणय प्रभात*
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो ,  प्यार की बौछार से उज
हर हाल में खुश रहने का सलीका तो सीखो , प्यार की बौछार से उज
DrLakshman Jha Parimal
"माँ"
इंदु वर्मा
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
लघुकथा- धर्म बचा लिया।
Dr Tabassum Jahan
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
Aarti sirsat
कलम के सिपाही
कलम के सिपाही
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
जब किसी कार्य के लिए कदम आगे बढ़ाने से पूर्व ही आप अपने पक्ष
Paras Nath Jha
मासूमियत
मासूमियत
Surinder blackpen
अशोक महान
अशोक महान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बादल
बादल
लक्ष्मी सिंह
सुबह की चाय मिलाती हैं
सुबह की चाय मिलाती हैं
Neeraj Agarwal
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
उठो, जागो, बढ़े चलो बंधु...( स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके दिए गए उत्प्रेरक मंत्र से प्रेरित होकर लिखा गया मेरा स्वरचित गीत)
डॉ.सीमा अग्रवाल
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल के हर
दिल के हर
Dr fauzia Naseem shad
💐प्रेम कौतुक-447💐
💐प्रेम कौतुक-447💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*कड़वा बोल न बोलिए, कड़वी कहें न बात【कुंडलिया】*
*कड़वा बोल न बोलिए, कड़वी कहें न बात【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
जीवन
जीवन
नन्दलाल सुथार "राही"
उम्र  बस यूँ ही गुज़र रही है
उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है
Atul "Krishn"
Loading...