सफर
सफर
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जिंदगी का सफर यूं ही चलता रहे,
चलते चलो जहां तक ऐ आसमां रहे।
छोड़ जाओ अपनी पहचान के निशां,
कल हमारे जाने के बाद,
दुनिया याद करे—-
पथिक पथ में, कांटो का गुलिस्तां होगा,
तुमको उन कांटो को सहकर,
फूलों को चुनना होगा।
जिंदगी का सफर—–
ऐ सफर इतना आसान नहीं होता,
जीवन ही संघर्ष है–
फूलों का हार सभी को नसीब नहीं होता—-
जिंदगी का सफर—
धूप और छांव की तरह,
सुख-दुख है आते,
उनसे कैसा घबराना–
काली रात के बाद,सुबह हैआती,
दिव्य रोशनी से,
अंधकार सब छट जाते—-
जिंदगी का सफर —-
सुषमा सिंह *उर्मि,,