Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2022 · 2 min read

सनातन संस्कृति

सनातन संस्कृति
~~°~~°~~°
गांठ बांध सुन लो इंसानो,
सत्य समृद्ध स्वरूप को जानो।
सनातन संस्कृति सर्वश्रेष्ठ धरा पर,
दिल से तुम मानो न मानो।

दया प्रेम का भाव जो रहता,
कण कण में ईश्वर है बसता ।
पत्थर पत्थर भोले शंकर ,
मन मस्तिष्क में रब भी बसता।

सगुण ब्रह्म स्वरूप अतिसुन्दर,
निर्गुण रुप में वो सबके अंदर।
श्रद्धा प्रेम जब मन जागृत होता,
निराकार ही साकार बन जाता।

वेद पुराण का ज्ञान धरा पर,
सत्य आह्लादित काम यहाँ पर।
करुणा दया अवतार धरा पर,
सत्य अहिंसा संसार यहाँ पर।

राम कृष्ण की पुण्य भूमि है,
नीति धर्म की विश्वजननी है।
बुद्ध को भी हमने पहचाना,
महावीर को भी अपना माना।

सनातन ही है जो सबको अपनाये,
चांद मियां सांई बन जाये।
शिरडी में तुम जाकर देखो,
नफरत मन से हटाकर देखो।

सूफी संत जब निर्गुण गाये,
हिन्दू जन मजार पर जाए।
जो भी जहां में अच्छा पाया,
हमने तो इसे सहर्ष अपनाया।

सहिष्णुता पाठ सारे जग को भाए,
इतिहास ने फिर क्यों ठोकर दिखलाये।
छल रहित व्यवहार ही शत्रु बन जाए,
बुजदिल जान ही लोग हमे भरमाये।

खोज रहा है अब तो भारत ,
वीर धनुर्धर कोई बने महारथ।
अपने संस्कृति की यदि रक्षा है करना,
फिर तोल-मोल और संगठित रहना।

बुद्ध महावीर की पुण्य भूमि में ,
हिंसा-द्वेष का स्थान कहाँ है ।
जो जन हिंसा करे यहाँ पर ,
बुलडोजर लेकर संत खड़ा है।

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – २८ /०३ /२०२२
चैत ,कृष्ण पक्ष,एकादशी ,सोमवार ।
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 4530 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
अरसा हो गया हमको किसी से कहे हुए...!
अरसा हो गया हमको किसी से कहे हुए...!
AVINASH (Avi...) MEHRA
उन से कहना था
उन से कहना था
हिमांशु Kulshrestha
24/244. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/244. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सारी रात मैं किसी के अजब ख़यालों में गुम था,
सारी रात मैं किसी के अजब ख़यालों में गुम था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
🙅मज़े की बात🙅
🙅मज़े की बात🙅
*प्रणय*
संवेदना सहज भाव है रखती ।
संवेदना सहज भाव है रखती ।
Buddha Prakash
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
आर.एस. 'प्रीतम'
आजा रे अपने देश को
आजा रे अपने देश को
gurudeenverma198
धुआँ सी ज़िंदगी
धुआँ सी ज़िंदगी
Dr. Rajeev Jain
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
पारिवारिक समस्या आज घर-घर पहुॅंच रही है!
Ajit Kumar "Karn"
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
VINOD CHAUHAN
दोहे बिषय-सनातन/सनातनी
दोहे बिषय-सनातन/सनातनी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
Saraswati Bajpai
"सादगी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
समय की कविता
समय की कविता
Vansh Agarwal
दो भावनाओं में साथ
दो भावनाओं में साथ
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
कैसे निभाऍं उसको, कैसे करें गुज़ारा।
कैसे निभाऍं उसको, कैसे करें गुज़ारा।
सत्य कुमार प्रेमी
रिश्तों में वक्त नहीं है
रिश्तों में वक्त नहीं है
पूर्वार्थ
जो बीत गया है उसे भुला नहीं पाते हैं
जो बीत गया है उसे भुला नहीं पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
मित्र होना चाहिए
मित्र होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
नमाज़ों का पाबंद होकर के अपने
Nazir Nazar
मेरा भारत जिंदाबाद
मेरा भारत जिंदाबाद
Satish Srijan
संवाद और समय रिश्ते को जिंदा रखते हैं ।
संवाद और समय रिश्ते को जिंदा रखते हैं ।
Dr. Sunita Singh
"लहर"
Dr. Kishan tandon kranti
दोस्त को रोज रोज
दोस्त को रोज रोज "तुम" कहकर पुकारना
ruby kumari
सावन 💐💐💐
सावन 💐💐💐
डॉ० रोहित कौशिक
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
वैवाहिक चादर!
वैवाहिक चादर!
कविता झा ‘गीत’
Loading...