Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2024 · 1 min read

मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है

मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है

खुदा ने खूबसूरत है दुनिया बनाई
मुबारक खुदा को ये उसकी खुदाई
मेरी ये जिन्दगी खुद ही मेरा इन्तेहां है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है

समझते हैं सब मुझको ऐसे बेगाना
जैसे आदमी नहीं मैं हूँ कोई फसाना
समझता हूँ मैं कौन कितना मेहरबां है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है

सफर पर हूँ मगर लगता बेसफर हूँ
जिंदगी के रास्तों से बहुत बेखबर हूँ
न मंजिल है न मालूम है जाना कहाँ है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है

“V9द” सुन अलग ही अंदाज हूँ मैं
न उसकी रहमतों का मोहताज हूँ मैं
मेरी हिम्मत बनी आज मेरी रहनुमां है
मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है

1 Like · 26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all
You may also like:
विषय -परिवार
विषय -परिवार
Nanki Patre
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/133.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बचपन याद आ रहा"
Sandeep Kumar
अरे लोग गलत कहते हैं कि मोबाइल हमारे हाथ में है
अरे लोग गलत कहते हैं कि मोबाइल हमारे हाथ में है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
आँखों की दुनिया
आँखों की दुनिया
Sidhartha Mishra
■ आज का चिंतन...
■ आज का चिंतन...
*Author प्रणय प्रभात*
आज सबको हुई मुहब्बत है।
आज सबको हुई मुहब्बत है।
सत्य कुमार प्रेमी
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
मिल जाते हैं राहों में वे अकसर ही आजकल।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ओ मेरी जान
ओ मेरी जान
gurudeenverma198
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
नेता अफ़सर बाबुओं,
नेता अफ़सर बाबुओं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
💐💐मरहम अपने जख्मों पर लगा लेते खुद ही...
💐💐मरहम अपने जख्मों पर लगा लेते खुद ही...
Priya princess panwar
नरम दिली बनाम कठोरता
नरम दिली बनाम कठोरता
Karishma Shah
माता  रानी  का लगा, है सुंदर  दरबार।
माता रानी का लगा, है सुंदर दरबार।
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
नानी का गांव
नानी का गांव
साहित्य गौरव
माईया पधारो घर द्वारे
माईया पधारो घर द्वारे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
“सबसे प्यारी मेरी कविता”
DrLakshman Jha Parimal
कोशिशें करके देख लो,शायद
कोशिशें करके देख लो,शायद
Shweta Soni
दलित समुदाय।
दलित समुदाय।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
You're going to realize one day :
You're going to realize one day :
पूर्वार्थ
"फसाद की जड़"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ बातें ज़रूरी हैं
कुछ बातें ज़रूरी हैं
Mamta Singh Devaa
पर्यावरण है तो सब है
पर्यावरण है तो सब है
Amrit Lal
इंसान
इंसान
विजय कुमार अग्रवाल
स्वीकारा है
स्वीकारा है
Dr. Mulla Adam Ali
माना के वो वहम था,
माना के वो वहम था,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
Loading...