Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2022 · 1 min read

सनम

ओ सनम
क्यों फेर ली
फिर से निगाहें
नेह नयनों मे
पिघलकर
अश्रु बनकर
पूछता चुपचाप
कैसे सो रहे हो?
अर्द्धरजनी में
बेचारा
करवटें ले
प्रेम की मीठी सुखद
सी स्मृति लेकर
जग रहा है
स्वयं पर
वो हंस रहा है।
पूछता मै कौन
किस पथ चल रहा हूं
कौन सी मंजिल
कहां पर है ठिकाना
सोचता है
रोकता है
स्वयं के इस कृत्य पर
वो हंस रहा है।
हर दिवस
स्नेह को उर से भगाकर
आत्मा से प्रेम की छाया
मिटाकर
घृणा का फिर
साथ पाकर
नेह ,घृणता
के परस्पर युद्ध मे
नेह शक्ति के अपरिमित
र्शौय से
डरकर
पराजित
हार थककर
तड़पकर
कुछ बिलखकर
नवजात शिशु की भांति
घुटनों बल
खिसककर
सिसकियों को साथ लेकर
मात जैसी
गोद पाकर
लोरियों और थपकियों का
साथ पाकर
हूं सुरक्षित
उर वही है
मन वही है
आत्मा चिन्तन
वही है
सोचकर
वो लौट आता।
रचयिता
रमेश त्रिवेदी
कवि एवं कहानीकार

Language: Hindi
535 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
बन रहा भव्य मंदिर कौशल में राम लला भी आयेंगे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
रिश्तों में झुकना हमे मुनासिब लगा
Dimpal Khari
एक भ्रम जाल है
एक भ्रम जाल है
Atul "Krishn"
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
स्वयं को चरित्रवान बनाना अपने हाथ में है और आसान भी है
Paras Nath Jha
ग़लती कर रहे कि सही,
ग़लती कर रहे कि सही,
Ajit Kumar "Karn"
दीवाने खाटू धाम के चले हैं दिल थाम के
दीवाने खाटू धाम के चले हैं दिल थाम के
Khaimsingh Saini
सिंदूर 🌹
सिंदूर 🌹
Ranjeet kumar patre
..
..
*प्रणय*
बेटियों  को  रोकिए  मत  बा-खुदा ,
बेटियों को रोकिए मत बा-खुदा ,
Neelofar Khan
प्रेम
प्रेम
Kshma Urmila
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
Nature ‘there’, Nurture ‘here'( HOMEMAKER)
Nature ‘there’, Nurture ‘here'( HOMEMAKER)
Poonam Matia
*छिपी रहती सरल चेहरों के, पीछे होशियारी है (हिंदी गजल)*
*छिपी रहती सरल चेहरों के, पीछे होशियारी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जब टैली, एक्सेल, कोडिंग, या अन्य सॉफ्टवेयर व अन्य कार्य से म
जब टैली, एक्सेल, कोडिंग, या अन्य सॉफ्टवेयर व अन्य कार्य से म
Ravikesh Jha
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
तेरे शहर में आया हूँ, नाम तो सुन ही लिया होगा..
Ravi Betulwala
उनकी नज़रों में अपना भी कोई ठिकाना है,
उनकी नज़रों में अपना भी कोई ठिकाना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
!! हे लोकतंत्र !!
!! हे लोकतंत्र !!
Akash Yadav
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
ज़िंदगी मोजिज़ा नहीं
Dr fauzia Naseem shad
हरियाली तीज
हरियाली तीज
SATPAL CHAUHAN
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
शेखर सिंह
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
माटी तेल कपास की...
माटी तेल कपास की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
ruby kumari
खेल
खेल
Sushil chauhan
Consistency does not guarantee you you will be successful
Consistency does not guarantee you you will be successful
पूर्वार्थ
Loading...