*सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)*
सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है (हिंदी गजल)
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1)
सदियों बाद पधारे हैं प्रभु, जन्मभूमि हर्षाई है
हुआ देश आजाद दूसरी, आजादी ज्यों आई है
2)
आज अयोध्या तीर्थ बना है, पुण्य प्रदाता त्रेता-सा
रामचरितमानस तुलसी ने, पुलकित होकर गाई है
3)
युग बदला बाईस जनवरी, इतिहासों में वंदित है
राष्ट्रदेव-छवि स्वाभिमान से, देखो शुभ मुस्काई है
4)
आज देश ने रामराज्य को, मन-आसन पर बैठाया
आज देश में रामलला की, घर-घर में छवि छाई है
5)
अब जाकर अपनी संस्कृति को, भारत अपना कह पाया
भारत के आराध्य राम हैं, यह वैभव वरदाई है
6)
गए-गए वह दिन खर-दूषण, सूपनखा वाले काले
धरती से अब आसमान तक, राम-ध्वजा फहराई है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451