सदा दे रहे
ये जीने का इक हौसला दे रहे
कई लोग मुझको दुआ दे रहे
ये तिनके का घर अब बचेगा नहीं
वो शोलों को इतनी हवा दे रहे
जिन्हें ना ख़ुदा तुम समझने लगे
यही तो सफ़ीने डुबा दे रहे
मिरी जाँ के दुश्मन यही लोग हैं
जो विश में मिला के दवा दे रहे
वो बहरे हैं अंधे नहीं हैं जिन्हें
मुसीबत के मारे सदा दे रहे
~अंसार एटवी