Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2024 · 1 min read

आदमी

आदमी

57 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Mukesh Kumar Sonkar
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
क़िताबों से मुहब्बत कर तुझे ज़न्नत दिखा देंगी
आर.एस. 'प्रीतम'
सुख दुःख
सुख दुःख
जगदीश लववंशी
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई  लिखता है
चाँद बदन पर ग़म-ए-जुदाई लिखता है
Shweta Soni
मरीचिका सी जिन्दगी,
मरीचिका सी जिन्दगी,
sushil sarna
सफलता की ओर
सफलता की ओर
Vandna Thakur
किस क़दर
किस क़दर
हिमांशु Kulshrestha
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
*पाते हैं सौभाग्य से, पक्षी अपना नीड़ ( कुंडलिया )*
Ravi Prakash
ये पैसा भी गजब है,
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
■ आह्वान करें...
■ आह्वान करें...
*Author प्रणय प्रभात*
सबको   सम्मान दो ,प्यार  का पैगाम दो ,पारदर्शिता भूलना नहीं
सबको सम्मान दो ,प्यार का पैगाम दो ,पारदर्शिता भूलना नहीं
DrLakshman Jha Parimal
हीरा जनम गंवाएगा
हीरा जनम गंवाएगा
Shekhar Chandra Mitra
दिल से रिश्ते
दिल से रिश्ते
Dr fauzia Naseem shad
अब तो  सब  बोझिल सा लगता है
अब तो सब बोझिल सा लगता है
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मुद्दा मंदिर का
मुद्दा मंदिर का
जय लगन कुमार हैप्पी
सुधार आगे के लिए परिवेश
सुधार आगे के लिए परिवेश
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"अवसाद"
Dr. Kishan tandon kranti
आराधना
आराधना
Kanchan Khanna
*शुभ रात्रि हो सबकी*
*शुभ रात्रि हो सबकी*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
3001.*पूर्णिका*
3001.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मनमोहिनी प्रकृति, क़ी गोद मे ज़ा ब़सा हैं।
मनमोहिनी प्रकृति, क़ी गोद मे ज़ा ब़सा हैं।
कार्तिक नितिन शर्मा
💐प्रेम कौतुक-171💐
💐प्रेम कौतुक-171💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन का सम्बल
जीवन का सम्बल
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
संवरना हमें भी आता है मगर,
संवरना हमें भी आता है मगर,
ओसमणी साहू 'ओश'
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
Ranjeet kumar patre
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
Vishal babu (vishu)
कुछ रिश्तो में हम केवल ..जरूरत होते हैं जरूरी नहीं..! अपनी अ
कुछ रिश्तो में हम केवल ..जरूरत होते हैं जरूरी नहीं..! अपनी अ
पूर्वार्थ
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर रोज याद आऊं,
हर रोज याद आऊं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...