Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

हल

आहों में ही कट रहे,
अपने प्यारे से पल।
वह सौदाई जानता,
मेरे व्यथा का हल।

Language: Hindi
65 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रदूषण-जमघट।
प्रदूषण-जमघट।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
शिक्षक
शिक्षक
Mukesh Kumar Sonkar
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
🙏 🌹गुरु चरणों की धूल🌹 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
2275.
2275.
Dr.Khedu Bharti
"बदबू"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन में मोह माया का अपना रंग है।
जीवन में मोह माया का अपना रंग है।
Neeraj Agarwal
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
Suryakant Dwivedi
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
*Author प्रणय प्रभात*
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
पुस्तकों से प्यार
पुस्तकों से प्यार
surenderpal vaidya
तेरा हासिल
तेरा हासिल
Dr fauzia Naseem shad
"A Dance of Desires"
Manisha Manjari
****मैं इक निर्झरिणी****
****मैं इक निर्झरिणी****
Kavita Chouhan
वे वजह हम ने तमीज सीखी .
वे वजह हम ने तमीज सीखी .
Sandeep Mishra
फितरत इंसान की....
फितरत इंसान की....
Tarun Singh Pawar
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हकीकत
हकीकत
Dr. Seema Varma
माता शबरी
माता शबरी
SHAILESH MOHAN
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
DrLakshman Jha Parimal
कुपुत्र
कुपुत्र
Sanjay ' शून्य'
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
मैं इश्क़ की बातें ना भी करूं फ़िर भी वो इश्क़ ही समझती है
Nilesh Premyogi
........,
........,
शेखर सिंह
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
gurudeenverma198
*तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने (मुक्तक)*
*तुम्हारा साथ जब मिलता है, तो मस्ती के क्या कहने (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...