सत्रहवां श्रृंगार
कुछ लड़कियां
दिखावटी दुनिया से अलग
चमक-दमक से दूर रहती हैं।
खुद को सजाने-संवारने पर
ज्यादा वक्त नहीं लगाती हैं।
अपने घुंघराले बालों को
आजाद (खुला) छोड़ देती हैं
नयनों में जरा सा काजल लगा लेती हैं,
जिसमें इन्हें महज सत्रह सेकेंड लगता है।
रुप-सज्जा पर महज सत्रह सेकेंड खर्च करने वाली ये लड़कियाँ अनजाने में “सत्रहवें श्रृंगार” का ईजाद कर चुकी होती है!