” सजदा “
” सजदा ”
व्रत- पूजन सब तुम्हारी खातिर
चाँद से सजदा मेरा हर बार होता है,
ये कैसा रिश्ता कुदरत ने बनाया
शिकायत जिनसे उन्हीं से प्यार होता है।
” सजदा ”
व्रत- पूजन सब तुम्हारी खातिर
चाँद से सजदा मेरा हर बार होता है,
ये कैसा रिश्ता कुदरत ने बनाया
शिकायत जिनसे उन्हीं से प्यार होता है।