Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2024 · 1 min read

मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?

मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
तेरे कांधे सिर रख सो लूं क्या?
लोग भला क्या सोचेंगे?
इसे भुला अब रो लूं क्या?

दो बूंदों के मिलने से कपाल
पे एक अश्रुधार बही,
किंतु- परंतु को परे हटा इसमें
सब पाप पुराने धो लूं क्या?

आधा जीवन नि:शेष हुआ,
तब राम नाम की अलख जगी!
शायद अगले जीवन में बोध मिले,
दिल में उम्मीद यही अब बो लूं क्या?

© अभिषेक पाण्डेय अभि

15 Likes · 63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
औकात
औकात
Dr.Priya Soni Khare
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
बुद्ध बुद्धत्व कहलाते है।
बुद्ध बुद्धत्व कहलाते है।
Buddha Prakash
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
सैनिक की कविता
सैनिक की कविता
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव
कवि रमेशराज
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
मातृभूमि तुझ्रे प्रणाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
खुदकुशी नाहीं, इंकलाब करअ
Shekhar Chandra Mitra
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
मैं जवान हो गई
मैं जवान हो गई
Basant Bhagawan Roy
बेटा राजदुलारा होता है?
बेटा राजदुलारा होता है?
Rekha khichi
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
Tulendra Yadav
आया नववर्ष
आया नववर्ष
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
कवि दीपक बवेजा
मातृ रूप
मातृ रूप
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जीवन एक मकान किराए को,
जीवन एक मकान किराए को,
Bodhisatva kastooriya
उसकी एक नजर
उसकी एक नजर
साहिल
दुखों से दोस्ती कर लो,
दुखों से दोस्ती कर लो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"द्रोह और विद्रोह"
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी इस क़दर
ज़िंदगी इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
सजधज कर आती नई , दुल्हन एक समान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
डा० अरुण कुमार शास्त्री
डा० अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है
मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है
Dr MusafiR BaithA
"पता"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी दोहा बिषय- बेटी
हिंदी दोहा बिषय- बेटी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...