सच है, दुनिया हंसती है
सच है दुनिया हंसती ही है
किसी नई डगर जब चला कोई
पर हंसती है तो हंसने दो
मुझे निरा मूर्ख उन्हें कहने दो
मैं अपने पथ की मतवाली
मैं एक मेरी अपनी आली
मैं खुद अपना पथ खोजूंगी
स्व जीवन स्व ही रोपूंगी।
माना न अति सरल होगा
खुद पथ गढ़ना उस पर बढ़ना
पर बाधाएं ही सिखलाती
प्रतिकूल धार में भी बहना।
मेरे पथ में सब जीत-हार
नितान्त मेरी अपनी होगी।
कुछ पाऊं याकि सब खो दूं
पर मन में एक तुष्टि होगी।
वैसे भी क्या पाना खोना
जीवन बस स्वप्न सलोना है।
जैसे ही निद्रा टूटेगी
तत्क्षण भंगुर सब होना है ।