सच बोलना ख़तरे से खाली नहीं
अपने ज़मीर को फिर भी
एक आवाज़ तो देनी होगी!
मज़लूमों और महरूमों को
कुछ परवाज़ तो देनी होगी!!
माना कि यहां सच बोलना
अब ख़तरे से खाली नहीं!
भगतसिंह के ख़्वाबों को
हमें बुनियाद तो देनी होगी!!
Shekhar Chandra Mitra
#FarmersProtest
#RomanticRebel