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2 Mar 2023 · 1 min read

सखी री आया फागुन मास

सखी री आया फागुन मास
झूम रहा मधुमास
सुध बुध बिसर गई तन मन की
प्रेम अग्नि गई जाग
झूम रहा मधुमास
मोह पिया मिलन की आस
सखी री आया फागुन मास
वन उपवनम खिल उठे धरा पर
फूल रही फुलवारी
भीनी भीनी चले बसंती
सृष्टि नाच रही सारी
बिखरे हैं रंग सतरंगी
जगी प्रेम की प्यास
सखी री आया फागुन मास
पोर पोर की छटा निराली
रोम-रोम हर साई
नव पल्लव प्रेम रस भीगे
अंतस प्रीत जगाई
थिरक उठा है मन मयूर
जगा रहा उल्लास
सखी री आया फागुन मास

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
1 Like · 389 Views
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