“संवेदना”
“संवेदना”
दिल की बंजर जमीं पर
कैसे उग पाएगा अहसास
सारी फिजाओं में
कब गूंजेगी ये आवाज
कि जिन्दा आदम की चेतना है,
ढूँढ़ कर देखिए
कहाँ पर संवेदना हैं?
“संवेदना”
दिल की बंजर जमीं पर
कैसे उग पाएगा अहसास
सारी फिजाओं में
कब गूंजेगी ये आवाज
कि जिन्दा आदम की चेतना है,
ढूँढ़ कर देखिए
कहाँ पर संवेदना हैं?