Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2023 · 2 min read

संत कवि पवन दीवान,,अमृतानंद सरस्वती

संत कवि पवन दीवान,,अमृतानंद सरस्वती

==============

अमृतानंद सरस्वती को
धरूं हृदय में ध्यान।
सजग कर मम दिल को
दें तत्वों का ज्ञान।।

बढ़े सनातन धर्म का
जग में पुण्य प्रताप।
महानदी के तट जनमे
सद्गुरु पवन दीवान।।

मन वाणी की साधना
करें जगत उजियार।
हो वसुधैव कुटुम्बकम्
भागवत कथा का सार।।

चल पड़ा था एक समय
जन जन में आंधी।
जनम जनम नमन करूं
छत्तीसगढ़ के गांधी।।

अश्रुनीर से पुरित होकर
श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं।
अमृतानंद सरस्वती के श्री चरणों में शीश झुकाऊं।।

मम हृदय बनें ब्रम्हचर्य आश्रम
अमृतानंद का ध्यान धरूं।
श्री कृष्णारंजन सानिध्य रह
श्री पवन दीवान को प्रणाम करूं।।

मिलें कृपा गुरू चरणों का
साहित्य सृजन का ज्ञान।
राख,शब्द का विश्लेषक
संत कवि पवन दीवान।।

छत्तीसगढ़ की पावन धरा
जन जन का विश्वास।
कर डालूं मैं साहित्य सृजन
तव चरणों की आश।।

ज्ञान केंद्र ब्रम्हचर्य आश्रम
मोक्षदायिनी कुलेश्वर धाम।
वैभव केंद्र राजीव लोचन
जप लीजिएगा सीता राम।।

रग रग में बसा हुआ है
फैल गया है आठों याम। महानदी के कलरव गाती
हे पवन दीवान तुम्हें प्रणाम।।

श्री गुरु के चरण धुल को
रोज लगाऊं माथ।
महामंत्र तव आशीष वचन
शर पर रखिये हाथ।।

चरणानुरागी

डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग रायपुरविषय,,,संत कवि पवन दीवान,,अमृतानंद सरस्वती
दिनांक 3/10/2023
==============

अमृतानंद सरस्वती को
धरूं हृदय में ध्यान।
सजग कर मम दिल को
दें तत्वों का ज्ञान।।

बढ़े सनातन धर्म का
जग में पुण्य प्रताप।
महानदी के तट जनमे
सद्गुरु पवन दीवान।।

मन वाणी की साधना
करें जगत उजियार।
हो वसुधैव कुटुम्बकम्
भागवत कथा का सार।।

चल पड़ा था एक समय
जन जन में आंधी।
जनम जनम नमन करूं
छत्तीसगढ़ के गांधी।।

अश्रुनीर से पुरित होकर
श्रद्धा सुमन चढ़ाऊं।
अमृतानंद सरस्वती के श्री चरणों में शीश झुकाऊं।।

मम हृदय बनें ब्रम्हचर्य आश्रम
अमृतानंद का ध्यान धरूं।
श्री कृष्णारंजन सानिध्य रह
श्री पवन दीवान को प्रणाम करूं।।

मिलें कृपा गुरू चरणों का
साहित्य सृजन का ज्ञान।
राख,शब्द का विश्लेषक
संत कवि पवन दीवान।।

छत्तीसगढ़ की पावन धरा
जन जन का विश्वास।
कर डालूं मैं साहित्य सृजन
तव चरणों की आश।।

ज्ञान केंद्र ब्रम्हचर्य आश्रम
मोक्षदायिनी कुलेश्वर धाम।
वैभव केंद्र राजीव लोचन
जप लीजिएगा सीता राम।।

रग रग में बसा हुआ है
फैल गया है आठों याम। महानदी के कलरव गाती
हे पवन दीवान तुम्हें प्रणाम।।

श्री गुरु के चरण धुल को
रोज लगाऊं माथ।
महामंत्र तव आशीष वचन
शर पर रखिये हाथ।।

चरणानुरागी

डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग रायपुर

Language: Hindi
1 Like · 235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है,
ज़िंदगी से थोड़ी-बहुत आस तो है,
Ajit Kumar "Karn"
देख कर चल मेरे भाई
देख कर चल मेरे भाई
Radha Bablu mishra
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
हलधर फांसी, चढ़ना कैसे, बंद करें.??
पंकज परिंदा
दो घड़ी अयन फिर बच्चा हो गया
दो घड़ी अयन फिर बच्चा हो गया
Mahesh Tiwari 'Ayan'
जीवन ये हर रंग दिखलाता
जीवन ये हर रंग दिखलाता
Kavita Chouhan
आप सा मीत कौन है
आप सा मीत कौन है
नूरफातिमा खातून नूरी
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
surenderpal vaidya
स्वामी श्रद्धानंद का हत्यारा, गांधीजी को प्यारा
स्वामी श्रद्धानंद का हत्यारा, गांधीजी को प्यारा
कवि रमेशराज
"प्रार्थना"
Dr. Kishan tandon kranti
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
अर्थ शब्दों के. (कविता)
अर्थ शब्दों के. (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
नित तेरी पूजा करता मैं,
नित तेरी पूजा करता मैं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
What is FAMILY?
What is FAMILY?
पूर्वार्थ
मान तुम प्रतिमान तुम
मान तुम प्रतिमान तुम
Suryakant Dwivedi
ശവദാഹം
ശവദാഹം
Heera S
जिन्हें हम पसंद करते हैं
जिन्हें हम पसंद करते हैं
Sonam Puneet Dubey
गुरु का महत्व
गुरु का महत्व
Indu Singh
मुक्ममल हो नहीं पाईं
मुक्ममल हो नहीं पाईं
Dr fauzia Naseem shad
महाभारत का युद्ध
महाभारत का युद्ध
SURYA PRAKASH SHARMA
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
*नई राह पर नए कदम, लेकर चलने की चाह हो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
होते है कुछ लड़के..
होते है कुछ लड़के..
Abhishek Rajhans
कहीं चिरइन के कलरव बा...
कहीं चिरइन के कलरव बा...
आकाश महेशपुरी
जीवन की वास्तविकता
जीवन की वास्तविकता
Otteri Selvakumar
कष्ट मेरे हैं सखा ...
कष्ट मेरे हैं सखा ...
Sunil Suman
..
..
*प्रणय*
धरती का बेटा गया,
धरती का बेटा गया,
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
तन्हाई चुराने में पूरी ज़िंदगी निकाल दी गई,
तन्हाई चुराने में पूरी ज़िंदगी निकाल दी गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
छठ पूजा
छठ पूजा
Satish Srijan
Loading...