श्री रामलला
22 जनवरी का दिन पावन,
आए रामलला मनभावन ।
आ गए कौशल्या के नंदन ,
उनके चरणों में मेरा वंदन ॥ 1 ॥
राम विरोधी रहम गए है ,
सोचे होगा क्या अब आगे ।
गई बाबरी हाँथ से इनके ,
देख हार पाँव उल्टे भागे ॥ 2 ॥
जो निर्णय था अयोध्या धाम का ,
होगा वही फिर से ज्ञानवापी का ।
अब कितनी भी चालाकी करले ,
तय है होना अंत उस पापी का ॥ 3 ॥
रामराज्य की परिकल्पना ,
की थी भारत के संतों नें।
धर्म युद्ध होगा भारत में ,
भविष्यवाणी की महंतों नें ॥ 4 ॥
युगपुरूष एक आएगा तब ,
होगी धर्म की जय जयकार ।
संतो महन्तो के सपनों को ,
अब मोदी जी करेंगे साकार ॥ 5 ॥
स्वरचित
तरुण सिंह पवार
शिक्षक