श्रीराम का पता
कुछ पूछते है किस जगह पर रहता तेरा राम है
जो चल रही है प्राणधारा उसमें रहता राम है।
बहती हवा में राम है और व्योम में भी राम है
श्रीराम तो है हर जगह,हर रोम में भी राम है।
कुछ पूछते है किस जगह पर रहता तेरा राम है
हर सत्य में श्रीराम है और न्याय में भी राम है
सबरी के जूठे बेर में,हर प्रेम में बसते राम है
श्रीराम तो है हर जगह ,हर श्वास में ही राम है।
कुछ पूछते है किस जगह पर रहता तेरा राम है
हर पितृ के सम्मान में और राज के बलिदान में
हर भ्रात के विश्वास में और मित्रता की लाज में
श्रीराम तो शुद्ध भाव में,हर पुनीत हिय में राम है।
कुछ पूछते है किस जगह पर रहता तेरा राम है
करूणा में बसते राम है,विश्वास में भी राम है
वो दानवों के संहार में और प्राणियों के उद्धार में
श्रीराम तो है हर जगह,हर कण में बसते राम है।
कुछ पूछते है किस जगह पर रहता तेरा राम है
तुलसी के पद में राम है तो शून्य में भी राम है
भक्तों के मन में राम है और सिय से हिय में राम है
श्रीराम तो है हर जगह,हर बून्द में भी राम है।
कुछ पूछते है किस जगह पर रहता तेरा राम है
हर माँ के दिल में राम है,शुभ काज में भी राम है
श्रीराम सगुण अवतार में और निर्गुण धार में
श्री राम तो है हर जगह, वो है सकल संसार में।