Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

श्याम के ही भरोसे

न तेरा …. न मेरा ,
श्याम सबके है प्यारे
श्याम के ही भरोसे ,
लगेंगे किनारे |

श्याम भक्ति का रस,
जिसने – जिसने पिया
भव सागर से पार ,
उसको श्याम ने किया
मन मे रटते रहो ,
जाप करते रहो
श्याम राधे श्याम राधे ,
राधे राधे श्याम प्यारे
श्याम के ही भरोसे,
लगेंगे किनारे |

राधेश्याम अमृत की धारा ,
सफल जीवन होगा तुम्हारा ,
कंठ स्वर को जरा
तुम भिंगो लो
राधे श्याम प्रेम से बोलो
करलों दर्शन तुम अंतर्मन का
श्याम संग बसे प्यारी राधे
श्याम के ही भरोसे,
लगेंगे किनारे ||

नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही मध्य प्रदेश

21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
समर्पित बनें, शरणार्थी नहीं।
Sanjay ' शून्य'
श्रेष्ठ वही है...
श्रेष्ठ वही है...
Shubham Pandey (S P)
"रिश्तों का विस्तार"
Dr. Kishan tandon kranti
** दूर कैसे रहेंगे **
** दूर कैसे रहेंगे **
Chunnu Lal Gupta
2907.*पूर्णिका*
2907.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेटियां
बेटियां
Ram Krishan Rastogi
जितने धैर्यता, सहनशीलता और दृढ़ता के साथ संकल्पित संघ के स्व
जितने धैर्यता, सहनशीलता और दृढ़ता के साथ संकल्पित संघ के स्व
जय लगन कुमार हैप्पी
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
"शीशा और रिश्ता बड़े ही नाजुक होते हैं
शेखर सिंह
गाय
गाय
Vedha Singh
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तनिक लगे न दिमाग़ पर,
तनिक लगे न दिमाग़ पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कण कण में है श्रीराम
कण कण में है श्रीराम
Santosh kumar Miri
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
■मंज़रकशी :--
■मंज़रकशी :--
*प्रणय प्रभात*
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
मेरी आँखों से भी नींदों का रिश्ता टूट जाता है
Aadarsh Dubey
हिंदी दिवस की बधाई
हिंदी दिवस की बधाई
Rajni kapoor
पृथ्वी की दरारें
पृथ्वी की दरारें
Santosh Shrivastava
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
आया बाढ नग पहाड़ पे🌷✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
बेटियां ज़ख्म सह नही पाती
Swara Kumari arya
जाति-धर्म
जाति-धर्म
लक्ष्मी सिंह
ख़ालीपन
ख़ालीपन
MEENU SHARMA
जब प्यार है
जब प्यार है
surenderpal vaidya
Loading...