Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2024 · 1 min read

“रिश्तों का विस्तार”

“रिश्तों का विस्तार”
अब तो ऐसा हो रहा
रिश्तों का विस्तार,
जितना जिससे मतलब
उतना उससे प्यार।

1 Like · 1 Comment · 21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
क्रिकेट का पिच,
क्रिकेट का पिच,
Punam Pande
*हम तो हम भी ना बन सके*
*हम तो हम भी ना बन सके*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3015.*पूर्णिका*
3015.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
*तुलसी तुम्हें प्रणाम : कुछ दोहे*
Ravi Prakash
दौरे-हजीर चंद पर कलमात🌹🌹🌹🌹🌹🌹
दौरे-हजीर चंद पर कलमात🌹🌹🌹🌹🌹🌹
shabina. Naaz
नारी हूँ मैं
नारी हूँ मैं
Kavi praveen charan
मेरी-तेरी पाती
मेरी-तेरी पाती
Ravi Ghayal
मां नही भूलती
मां नही भूलती
Anjana banda
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
जल प्रदूषण दुःख की है खबर
Buddha Prakash
दूर क्षितिज के पार
दूर क्षितिज के पार
लक्ष्मी सिंह
हां मैं इक तरफ खड़ा हूं, दिल में कोई कश्मकश नहीं है।
हां मैं इक तरफ खड़ा हूं, दिल में कोई कश्मकश नहीं है।
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
ग़ज़ल:- तेरे सम्मान की ख़ातिर ग़ज़ल कहना पड़ेगी अब...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
सिर्फ तुम्हारे खातिर
सिर्फ तुम्हारे खातिर
gurudeenverma198
ek abodh balak
ek abodh balak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आँखों से काजल चुरा,
आँखों से काजल चुरा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
झूठी शान
झूठी शान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रही सोच जिसकी
रही सोच जिसकी
Dr fauzia Naseem shad
#एक_कविता
#एक_कविता
*Author प्रणय प्रभात*
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
गल्तफ़हमी है की जहाँ सूना हो जाएगा,
_सुलेखा.
कुछ नींदों से ख़्वाब उड़ जाते हैं
कुछ नींदों से ख़्वाब उड़ जाते हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अहोई अष्टमी का व्रत
अहोई अष्टमी का व्रत
Harminder Kaur
এটি একটি সত্য
এটি একটি সত্য
Otteri Selvakumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
सीख
सीख
Ashwani Kumar Jaiswal
निदा फाज़ली का एक शेर है
निदा फाज़ली का एक शेर है
Sonu sugandh
हम उनसे नहीं है भिन्न
हम उनसे नहीं है भिन्न
जगदीश लववंशी
रेत सी इंसान की जिंदगी हैं
रेत सी इंसान की जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
ईर्ष्या
ईर्ष्या
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...