शौर्य गाथा
उठ जागा वीर सपूतों ने
मुँहतोड़ जवाब दिया
जो कायराना काम किया था कुतो ने ।
हम वीर शहीदों के अमर कहानी हैं
शौर्य-पराक्रम के अमिट निशानी हैं
ओज उत्साह से भरे हुए हम
फिर भी शांति -संदेश फैलाते हैं,
दानवता की पृष्ठभूमि पर
मानवता के परचम लहराते हैं ,
पर नासमझ जो समझ सके न
उसको सबक सिखाते हैं,
चकनाचूर कर देते हैं
दुश्मन के नापाक इरादों को
फिर अपनी शरण में लाते हैं ।
बुलंद इरादों के स्वामी हैं हम
युद्ध के नही कामी हैं हम
सागर सा गहरा
त्याग करुणा से भरा
फिर भी ईंट का बदला पत्थर से लेते हैं
बाज न आए जो अपनी हरकतों से,
उसको जख्म गहरा देते हैं ।
जय हिन्द।
जय जवान ।
साहिल…..