शौक अच्छे हो जिन्दगी में
शौक जिन्दगी में ऐसे
ऐसे होना चाहिए
न करें बुरा किसी का
भला करना चाहिए
मत बनों मोहताज
किसी ऐसे शौक का
जो हो जुआ और शराब
घर द्वार बिक जाये
आ जाये सड़कों पर
ऐसा शौकिन
ईमानदारी से
जीना जिन्दगी
बनाओ शौक
होगी तारीफ
हर तरफ
बनों मत गुलाम
किसी शौक के
ढालो अपने को
हर हालात में
देते है माता पिता
शिक्षा अच्छी
बिगड़ते है बच्चे
बाहरी लोगों के
गलत शौक से
शौक बस शौक हो
आदत में न शुमार कीजिये
अपने घर परिवार के
साथ जिन्दगी का मज़ा लीजिये
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल