शेर
मेरे दिमाग के पन्ने अभी कोरे हैं जनाब
अपनी वाहियात बातों से मत सजाओ तुम
कोई मतलब की बात नही है गर पास तुम्हारे
कोरे ही अच्छे हैं उन्हें कोरा ही रहने दो
ये वो पन्ने हैं जिन पर लिखा कभी मिटता नही
मिटाने की कोशिश में और भी गहरे हो जाते हैं
वीर कुमार जैन
20 सितंबर 2021