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25 Sep 2024 · 1 min read

शीर्षक -फूल सब पथ मैं सजा लूंँ!

फूल सब पथ मैं सजा लूंँ
++++++++++++++
फूल सब पथ मैं सजा लूंँ,
प्रभु राम!का है आगमन,
आज दीपों को जला लूंँ!

बिखरे हुए तारों से प्रभु को,
पुष्पों का हार बनाकर?
फूल सब पथ मैं सजा लूंँ!

गली-गली सजा दीपों से,
फैली आलोक सी पथ मैं,
इस सुख के पल को मैं
अँखियों मैं बसा लूंँ!

देख सामने प्रभु राम को,
आंँसुओं से सजल नयन थे
वर्षों बाद आये हैं नाथ?
अब! नैनों से ओझल ना हो
उनको मन मंदिर में सजा लूंँ!

हे! राम तुम्हारे पथ को मैंने,
नित -नित पुष्पों सजाया है
अपने पावन पग से तुम,
धरा को पवित्र कर दो !
भव सागर में पार कर लूँ।

फूल सब पथ मैं सजा लूंँ!
प्रभु राम का है आगमन!!

सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर

Language: Hindi
45 Views
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