मुझे तुमसे अनुराग कितना है?
मेरे मित्र के प्रेम अनुभव के लिए कुछ लिखा है जब उसकी प्रेमि
💐प्रेम कौतुक-516💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गैंगवार में हो गया, टिल्लू जी का खेल
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
“कब मानव कवि बन जाता हैं ”
*आया पूरब से अरुण ,पिघला जैसे स्वर्ण (कुंडलिया)*
जो समय सम्मुख हमारे आज है।
गुजरे हुए वक्त की स्याही से
काव्य की आत्मा और औचित्य +रमेशराज
जीवन में अँधियारा छाया, दूर तलक सुनसान।
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना , किसी को नुकसान पह
याद आया मुझको बचपन मेरा....
ایک سفر مجھ میں رواں ہے کب سے
ये जो नखरें हमारी ज़िंदगी करने लगीं हैं..!
जिस सामाज में रहकर प्राणी ,लोगों को न पहचान सके !
जागृति और संकल्प , जीवन के रूपांतरण का आधार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'