Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2022 · 1 min read

शीर्षक: पापा की अनुपस्थिति

शीर्षक: पापा की अनुपस्थिति

रोज लिखती हूँ शब्दो मे अपने मन के भाव
लिखती रहती हूँ बीते पलो के नाम
यादो की हिचकियां हिलोरे लेती हैं मेरे शब्दों में
कभी उदासियां लिखती है लेखनी मेरी
और लिखती मेरी लेखनी मेरे पापा की अनुपस्थिति

शब्द स्वरों में यादो की पीड़ा का भाव लिखना
बेवजह ही गुस्से का आना आपकी यादो में लिखना
टुकड़े टुकड़े समेटती सी यादो में व्याख्या लिखना
चांदनी सी शीतल यादो की बयार से शब्द लिखना
और लिखती मेरी लेखनी मेरे पापा की अनुपस्थिति

आप आएंगे स्वप्न में निरर्थक प्रयासरत लेखनी
मानो रेत पर आपकी यादो को लिखती सी लेखनी
कितनी बार मन रोता है पर चलती हैं लेखनी
बार बार समझाया मन को न मानी लेखनी
और लिखती मेरी लेखनी मेरे पापा की अनुपस्थिति

यादे उभरती है तो दुगना लिखती है लेखनी
गूंजते अंतर्मन के भाव मे भंगिमा भरती हैं लेखनी
हृदय पटल के उद्गारों को शब्दों का रूप देती हैं लेखनी
मैं खुद में आपको खोजती हूँ तो लिख डालती लेखनी
और लिखती मेरी लेखनी मेरे पापा की अनुपस्थिति
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

159 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
बाल कविता: मेलों का मौसम है आया
Ravi Prakash
एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां
एक अच्छी हीलर, उपचारक होती हैं स्त्रियां
Manu Vashistha
*”ममता”* पार्ट-1
*”ममता”* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
"चाँदनी रातें"
Pushpraj Anant
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dheerja Sharma
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
ମାଟିରେ କିଛି ନାହିଁ
Otteri Selvakumar
जब भी आपसे कोई व्यक्ति खफ़ा होता है तो इसका मतलब यह नहीं है
जब भी आपसे कोई व्यक्ति खफ़ा होता है तो इसका मतलब यह नहीं है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
धूमिल होती यादों का, आज भी इक ठिकाना है।
Manisha Manjari
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
Jogendar singh
जिंदगी भर किया इंतजार
जिंदगी भर किया इंतजार
पूर्वार्थ
भीड़ पहचान छीन लेती है
भीड़ पहचान छीन लेती है
Dr fauzia Naseem shad
सांवली हो इसलिए सुंदर हो
सांवली हो इसलिए सुंदर हो
Aman Kumar Holy
*शिव शक्ति*
*शिव शक्ति*
Shashi kala vyas
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"ओ मेरी लाडो"
Dr. Kishan tandon kranti
हिन्दू एकता
हिन्दू एकता
विजय कुमार अग्रवाल
तेरे जाने के बाद ....
तेरे जाने के बाद ....
ओनिका सेतिया 'अनु '
3167.*पूर्णिका*
3167.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-535💐
💐प्रेम कौतुक-535💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
हौसले हो अगर बुलंद तो मुट्ठि में हर मुकाम हैं,
Jay Dewangan
#आदरांजलि
#आदरांजलि
*Author प्रणय प्रभात*
बोल
बोल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
*बुंदेली दोहा-चिनार-पहचान*
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
मित्रो जबतक बातें होंगी, जनमन में अभिमान की
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
शिव प्रताप लोधी
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
ज़ब ज़ब जिंदगी समंदर मे गिरती है
शेखर सिंह
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
Neelam Sharma
यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
Rj Anand Prajapati
1) आखिर क्यों ?
1) आखिर क्यों ?
पूनम झा 'प्रथमा'
Loading...