Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2022 · 1 min read

शीर्षक: नवउत्सर्जन की औऱ

शीर्षक: नवउत्सर्जन की औऱ

बढ़ रही हूँ मैं…
हर दिन अपनी मंजिल की और
जहाँ से की थी जिंदगी की शुरआत
फिर से वही लौट जाने के लिए
बढ़ रहीं हूँ मैं…
जीवन चक्र को क्रमवत पूरा करती
बढ़ती जा रही हूँ सत्य की और
एक और नए सफर की तलाश में
बढ़ रही हूँ मैं…
आत्मा को नए धारण के लिए
अनंत यात्रा की और
स्वयं ही स्वयं को लिए
बढ़ रही हूँ मैं…
योनियों को पार करती हुई
कदम आगे चलाती हुई
फिर से नव ऊर्जा के लिये
बढ़ रही हूँ मैं…

Language: Hindi
153 Views
Books from Dr Manju Saini
View all

You may also like these posts

हमारा प्यार
हमारा प्यार
Dipak Kumar "Girja"
प्यासा के भोजपुरी ग़ज़ल
प्यासा के भोजपुरी ग़ज़ल
Vijay kumar Pandey
"शहीद पार्क"
Dr. Kishan tandon kranti
- तेरी मोहब्बत ने हमको सेलिब्रेटी बना दिया -
- तेरी मोहब्बत ने हमको सेलिब्रेटी बना दिया -
bharat gehlot
*BOOKS*
*BOOKS*
Poonam Matia
गिरगिट तो संसार में,
गिरगिट तो संसार में,
sushil sarna
कोविड और आपकी नाक -
कोविड और आपकी नाक -
Dr MusafiR BaithA
प्रकृति संरक्षण (मनहरण घनाक्षरी)
प्रकृति संरक्षण (मनहरण घनाक्षरी)
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
तेरी ये बिंदिया
तेरी ये बिंदिया
Akash RC Sharma
प्रेम का घनत्व
प्रेम का घनत्व
Rambali Mishra
लड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता
लड़के रोते नही तो क्या उन को दर्द नही होता
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
पात कब तक झरेंगें
पात कब तक झरेंगें
Shweta Soni
■ सबसे ज़रूरी।
■ सबसे ज़रूरी।
*प्रणय*
वक्त निकल जाने के बाद.....
वक्त निकल जाने के बाद.....
ओसमणी साहू 'ओश'
3702.💐 *पूर्णिका* 💐
3702.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कानून?
कानून?
nagarsumit326
जब दिल लग जाये,
जब दिल लग जाये,
Buddha Prakash
दोहा
दोहा
Jp yathesht
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
shabina. Naaz
कभी-कभी अकेला होना
कभी-कभी अकेला होना
Chitra Bisht
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
सौगंध से अंजाम तक - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
# चांदनी#
# चांदनी#
Madhavi Srivastava
तुम्हें भुलाने का सामर्थ्य नहीं है मुझमें
तुम्हें भुलाने का सामर्थ्य नहीं है मुझमें
Keshav kishor Kumar
मेरे  गीतों  के  तुम्हीं अल्फाज़ हो
मेरे गीतों के तुम्हीं अल्फाज़ हो
Dr Archana Gupta
दर्शन
दर्शन
सिद्धार्थ गोरखपुरी
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक
श्रंगार के वियोगी कवि श्री मुन्नू लाल शर्मा और उनकी पुस्तक " जिंदगी के मोड़ पर " : एक अध्ययन
Ravi Prakash
तुम्हारा आना
तुम्हारा आना
Kanchan Advaita
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
Harminder Kaur
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...