Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2024 · 1 min read

सौगंध से अंजाम तक – दीपक नीलपदम्

चल पड़े जान को, हम हथेली पर रख,
एक सौगंध से, एक अंजाम तक ।

उसके माथे का टीका, सलामत रहे,
सरहदें भी वतन की, सलामत रहें,
जान से जान के, जान जाने तलक,
जान अर्पण करूँ, जान जायेंगे सब,
जान अपनी वतन पे, चढाऊंगा जब,
आँख देखे तिरंगे को, फहराने तक।

चल पड़े जान को, हम हथेली पर रख,
एक सौगंध से, एक अंजाम तक ।

दुश्मनों की कोई साख, रह जाए न,
घूरे माटी वतन वो-आँख, रह जाए न,
चाहे बैठा हो घर में, या सरहद पे हो,
रिपु बचने का कोई भी, अवसर न हो,
वीरों का काफिला, आगे पहुँचेगा जब,
अरि-हृदय काँप कर, बैठ जाएगा तब,
आगे बढ़ते रहें, पहुंचा श्मशान तक,
दुश्मनों को ये रंजिश, भुला जाने तक।

चल पड़े जान को, हम हथेली पर रख,
एक सौगंध से, एक अंजाम तक ।

घर में सोते हो जब तुम, आराम से,
घुमते शान से, मूंछों को तान के,
बैंक-बैलेंस अपना, बढ़ाते हो तुम,
धौंस और रसूख, जताते हो तुम,
याद रखना सदा, सुबह से शाम तक,
एक तपस्वी खड़ा है, सरहद पे तब,
धूल में दुश्मनों के, समा जाने तक।

चल पड़े जान को, हम हथेली पर रख,
एक सौगंध से, एक अंजाम तक ।

(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

1 Like · 409 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
View all
You may also like:
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
बहुत खूबसूरत सुबह हो गई है।
surenderpal vaidya
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*हल्द्वानी का प्रसिद्ध बाबा लटूरिया आश्रम (कुंडलिया)*
*हल्द्वानी का प्रसिद्ध बाबा लटूरिया आश्रम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
प्रेम में पड़े हुए प्रेमी जोड़े
श्याम सिंह बिष्ट
निज धर्म सदा चलते रहना
निज धर्म सदा चलते रहना
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मछली रानी
मछली रानी
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तेरा - मेरा
तेरा - मेरा
Ramswaroop Dinkar
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
सदा मन की ही की तुमने मेरी मर्ज़ी पढ़ी होती,
Anil "Aadarsh"
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---5. तेवरी में विरोधरस -- रमेशराज
कवि रमेशराज
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
■ जिजीविषा : जीवन की दिशा।
*Author प्रणय प्रभात*
#सुप्रभात
#सुप्रभात
आर.एस. 'प्रीतम'
अवसाद
अवसाद
Dr Parveen Thakur
"नमक का खारापन"
Dr. Kishan tandon kranti
चांद ने सितारों से कहा,
चांद ने सितारों से कहा,
Radha jha
2731.*पूर्णिका*
2731.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
: आओ अपने देश वापस चलते हैं....
: आओ अपने देश वापस चलते हैं....
shabina. Naaz
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
कभी कभी ज़िंदगी में जैसे आप देखना चाहते आप इंसान को वैसे हीं
पूर्वार्थ
*****आज़ादी*****
*****आज़ादी*****
Kavita Chouhan
विषय :- काव्य के शब्द चुनाव पर |
विषय :- काव्य के शब्द चुनाव पर |
Sûrëkhâ Rãthí
जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से इतना दूर होने के बावजूद भी उसे अप
जिस प्रकार सूर्य पृथ्वी से इतना दूर होने के बावजूद भी उसे अप
Sukoon
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
RAKESH RAKESH
तुम्हीं तुम हो.......!
तुम्हीं तुम हो.......!
Awadhesh Kumar Singh
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
मिलन फूलों का फूलों से हुआ है_
Rajesh vyas
गुनाह लगता है किसी और को देखना
गुनाह लगता है किसी और को देखना
Trishika S Dhara
कुछ लिखूँ ....!!!
कुछ लिखूँ ....!!!
Kanchan Khanna
आसमान पर बादल छाए हैं
आसमान पर बादल छाए हैं
Neeraj Agarwal
आपसा हम जो दिल
आपसा हम जो दिल
Dr fauzia Naseem shad
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
श्राद्ध ही रिश्तें, सिच रहा
Anil chobisa
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
जहाँ तक राजनीति विचारधारा का संबंध है यदि वो सटीक ,तर्कसंगत
DrLakshman Jha Parimal
Loading...