शीर्षक:नमन तुम्हे ए नारी
केवल एक दिन ही क्यो सम्मानित नारी
पल पल प्रतिक्षण सम्मान योग्य नारी
माँ, बेटी,रूप में पूजित सदैव नारी
पत्नी रूप में पोषक ये ही नारी
हर रूप में नमन तुम्हे नारी
सृष्टि की अभीन्न कृति नारी
और मातृत्व को बरसाने वाली नारी
गोद कोअलंकृत करने वाली नारी
किसी से तुलना न होने वाली नारी
नमन तुम्हे आज नमन तुम्हे
प्रेम सदा सब पर बरसाने वाली नारी
सभी को समान भाव देने वाली नारी
शक्ति रूप पूजित केवल नारी
नही मांगती आपसे कुछ भी नारी
बस सम्मान चाहती केवल नारी
डॉ मंजु सैनी