शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
चले ब्याहने गौरा,नंदी सवारी!!
गण भूत पिशाच औ औघड़ दानी!
महिमा बिनकी कोऊ ना जाने ज्ञानी!!
महाशिवरात्रि नील कंठ चले ब्याहने पार्वती!
भोले के जयकारे संग नर-नारी करत आरती!!
कंठ -भुजा पर रुद्राक्ष सर्पराज विराजे!
मस्तक पर जिनके चन्द्र औ गंगा साजे!!
रुद्रावतार हो प्रभु तुम सृजन,पालन,संघारी!
विश्व कल्याण तुम्हीं से संभव,जानत हर संसारी!!
नमो-नमो जय शिव-शम्भु-त्रिकाल-त्रिपुरारी!
संपूर्ण विश्व का कल्याण करो है मनहारी!!
बोधिसत्व कस्तूरिया एडवोकेट कवि पत्रकार सिकंदरा आगरा-282007