शिव आराध्य राम
#दिनांक:-5/5/2024
#शीर्षक:-शिव आराध्य राम ।
अखिल ब्रह्मांड नायक,
कोदण्डधारी रघु राघव,
अयोध्यापति अवधेश हैं ,
काम,क्रोध,लोभ,मोह विजेता,
अद्भुत,अद्वितीय,सरल राम अशेष हैं।
मर्यादा,करुणा,सत्य,धर्म,सदाचार,
सब है विशेषता कौशल्या-नंदन में,
हर कण में मेरे राम; ना रहा कुछ अब शेष है ।
राम से बड़ा रामनाम,
वरुणालय राघवेन्द्र सर्वस्व हैं ,
राम हैं सुखों के सागर,
भर देते अधम जीवन में भक्ति के गागर,
राम नाम ही एक सत्य है ,
भक्त हनुमान के सीने में निवास करते ,
राम युगप्रवर्तक युद्ध में निपुण, सगुण राम,
इक्ष्वाकुवंशी मनु-सपूत राम एक तथ्य हैं ।
युग-युगांतर से पवित्र,
साधु पराक्रमी धन्य नाम राम है,
श्यामल वर्ण कमलनयन पीताम्बर धारी,
आकर्षित व्यक्तित्व रहते अयोध्या धाम हैं।
जनक नन्दिनी सीता-स्वामी, करो मामुद्धार,
अहंकारी रावण को मार, फहराये धर्म विजय पताका,
मर्यादित रमित, शिव-आराध्य राम, अभिराम हैं।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई