शिवरात्रि
उमा महेश का शुभ विवाह है,
दूल्हा बने शिव भोला।
बेल धतूर मदार को खाते,
और खाते भंग गोला।
मन की आंख खोल कर देखो,
शिव हैं पास न दूर।
थोड़े तप खुश हो जाते
वर देते भरपूर।
विघ्न क्लेश व्याधि मिटे सब की,
कृपा करें त्रिपुरारी।
शिवरात्रि के महापर्व पर
शुभकामना हमारी।