Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 1 min read

संग दीप के …….

संग दीप के …

जलने दो
कुछ देर तो मुझे
जलने दो ।

मैं साक्षी हूँ
तम में विलीन होती
सिसकियों की
जो उभरी थीं
अपने परायों के अंतर से
किसी की अंतिम
हिचकी पर

मैं साक्षी हूँ
उन मौन पलों की
जब एक तन ने
दूसरे तन को
छलनी किया था
मैं
बहुत जली थी उस रात
जब छलनी तन
मेरी तरह एकांत में
देर तक
जलता रहा।

मैं साक्षी हूँ
उस व्यथा की
जो किसी की आँखों में
उसके साथ ही चली गयी
अपनी संतानों की उपेक्षा समेटे
बिन कहे।

मैं साक्षी हूँ
हर उस चौखट की
जहाँ स्वार्थ के तेल में
मुझे जलाया जाता है
ईश को मनाया जाता है
मन्नतें मानी जाती हैं
प्रसाद चढ़ाया जाता है
फिर झूठ की सड़क पर
सच को दौड़ाया जाता है।

अब रहने दो
बहुत घिनौनी है
दुनिया की सच्चाई
मुझसे कहा न जाएगा
लोग अपने अंधेरों के लिए
मुझे जलाते हैं
अपने अंधेरों से कतराते हैं
गुनाहों से झोलियाँ भरते हैं
फिर गुनाहों से लदे शीश
ईश की चौखट पर
झुकाते हैं।

मैं अपने करम से कैसे मुँह फेर लूँ
मेरा अस्तित्व तो जलने के लिए है
मंदिर हो या मरघट
मुझे तो जलना है
क्योँकि
मैं दीप की बाती हूँ
संग दीप के जलती हूँ
संग दीप के
बुझ जाती हूँ।

सुशील सरना/11-2-24

1 Like · 115 Views

You may also like these posts

मैं ज़िंदगी भर तलाशती रही,
मैं ज़िंदगी भर तलाशती रही,
लक्ष्मी सिंह
श्राद्ध की महत्ता
श्राद्ध की महत्ता
Sudhir srivastava
सूर्ययान आदित्य एल 1
सूर्ययान आदित्य एल 1
Mukesh Kumar Sonkar
अजनबी कहकर ही बुलाए
अजनबी कहकर ही बुलाए
Jyoti Roshni
फिर वही
फिर वही
हिमांशु Kulshrestha
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पल में सब  कुछ खो गया
पल में सब कुछ खो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
VINOD CHAUHAN
जितना आपके पास उपस्थित हैं
जितना आपके पास उपस्थित हैं
Aarti sirsat
ज़िंदगी से शिकायतें बंद कर दो
ज़िंदगी से शिकायतें बंद कर दो
Sonam Puneet Dubey
" कसम "
Dr. Kishan tandon kranti
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
पूर्वार्थ
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
कोई दौलत पे, कोई शौहरत पे मर गए
The_dk_poetry
मौत बाटे अटल
मौत बाटे अटल
आकाश महेशपुरी
प्रेम
प्रेम
Satish Srijan
*भ्रष्टाचार की पाठशाला (हास्य-व्यंग्य)*
*भ्रष्टाचार की पाठशाला (हास्य-व्यंग्य)*
Ravi Prakash
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बहुत ढूंढा बाजार में यूं कुछ अच्छा ले आएं,
बहुत ढूंढा बाजार में यूं कुछ अच्छा ले आएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्रिकेट
क्रिकेट
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
लोगों के दिलों में,
लोगों के दिलों में,
नेताम आर सी
☺️☺️
☺️☺️
*प्रणय*
गंधारी
गंधारी
Shashi Mahajan
ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
ड्राइवर,डाकिया,व्यापारी,नेता और पक्षियों को बहुत दूर तक के स
Rj Anand Prajapati
छठ पूजा
छठ पूजा
©️ दामिनी नारायण सिंह
हिंदी से स्वराष्ट्र की
हिंदी से स्वराष्ट्र की
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
एक गीत तुमको लिखा
एक गीत तुमको लिखा
Praveen Bhardwaj
शाकाहार बनाम धर्म
शाकाहार बनाम धर्म
मनोज कर्ण
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं उसका और बस वो मेरा था
मैं उसका और बस वो मेरा था
एकांत
औरतें
औरतें
Neelam Sharma
Loading...