Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2021 · 1 min read

शारदे के हम पुजारी

शारदे के हम पुजारी

शोलों सी जलती जमीं पर हम तराई रोपते हैं…
है नहीं अधिकार लेकिन बेईमानी रोकते हैं…

है जिन्हें अधिकार सौंपा मुंह सुरसा सा है उनका…
प्रगति कैसे पल्लवित हो काम खुरपा सा है उनका…
आमजन रोटी जुगत के फेर में हर दिन उलझते,
कैसे सुलझें दाम पेटी और खोखा में है उनका…
शारदे के हम पुजारी आत्मबल से टोकते हैं…
है नहीं अधिकार लेकिन बेईमानी रोकते हैं…

कागजों से फ़सल लेने हेतु उलझन बो रहे हैं…
देश जाए भाड़ में सब तान चादर सो रहे हैं…
बेबसों का काम हो तो नियमों के पन्ने पलटते,
खुद उन्हीं नियमों के आखर धो रहे हैं…
बेवफ़ाई की धरा हम आशनाई खोदते हैं…
है नहीं अधिकार लेकिन बेईमानी रोकते हैं…

हम नहीं बाबू न अफसर ना कोई औहदा जमीं है…
लेखनी की धार पैनी, लिख बताते क्या कमी है…
हम जरूरतमन्द की आँखों के आँसू से दरकते,
वो उन्हें कहते की कातिल मयकसीं हैं…
है न खंजर पर सिपाही, हम कलम से कौंदते हैं…
है नहीं अधिकार लेकिन बेईमानी रोकते हैं…

भारतेन्द्र शर्मा “भारत”
धौलपुर, राजस्थान

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 337 Views

You may also like these posts

"तू अगर नहीं होती"
Dr. Kishan tandon kranti
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
बोट डालणा फरज निभाणा -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
कांतिपति की कुंडलियां
कांतिपति की कुंडलियां
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
" मुरादें पूरी "
DrLakshman Jha Parimal
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Neeraj Agarwal
Three handfuls of rice
Three handfuls of rice
कार्तिक नितिन शर्मा
चित्रगुप्त का जगत भ्रमण....!
चित्रगुप्त का जगत भ्रमण....!
VEDANTA PATEL
जब मुकद्दर को आज़माएंगे ,
जब मुकद्दर को आज़माएंगे ,
Dr fauzia Naseem shad
6 लहरें क्यूँ उफनती
6 लहरें क्यूँ उफनती
Kshma Urmila
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
अपनी मंजिल की तलाश में ,
अपनी मंजिल की तलाश में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बलिदान🩷🩷
बलिदान🩷🩷
Rituraj shivem verma
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
*जिन पे फूल समझकर मर जाया करते हैं* (*ग़ज़ल*)
Dushyant Kumar Patel
मेरे अपने
मेरे अपने
Rambali Mishra
शिक्षा हर मानव का गहना है।
शिक्षा हर मानव का गहना है।
Ajit Kumar "Karn"
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2506.पूर्णिका
2506.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
महफिल में तनहा जले,
महफिल में तनहा जले,
sushil sarna
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
चरित्र अगर कपड़ों से तय होता,
Sandeep Kumar
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
जेब खाली हो गई तो सारे रिश्ते नातों ने मुंह मोड़ लिया।
जेब खाली हो गई तो सारे रिश्ते नातों ने मुंह मोड़ लिया।
Rj Anand Prajapati
बेचैन स्मृतियां
बेचैन स्मृतियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मेरी मोहब्बत का चाँद
मेरी मोहब्बत का चाँद
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
शेखर सिंह
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
जिंदगी
जिंदगी
Phool gufran
वृक्षारोपण कीजिए
वृक्षारोपण कीजिए
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
शुभ सवेरा
शुभ सवेरा
C S Santoshi
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
रहे इहाँ जब छोटकी रेल
आकाश महेशपुरी
Loading...