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5 May 2024 · 1 min read

6 लहरें क्यूँ उफनती

6 लहरें क्यूँ उफनती

लहरें क्यूँ उफनती सागर से रूठ के
कौन कहेगा चांद की साजिश नहीं …

सूखी है आज मन की बंजर ज़मी
ये आंसू हैं कोई मौसमी बारिश नहीं …

रूह के ज़ख्म स्नेह ही है मरहम
और किसी दवा की गुंजाइश नहीं …
– क्षमा ऊर्मिला

Language: Hindi
25 Views
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