Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2023 · 1 min read

2506.पूर्णिका

2506.पूर्णिका
🌷 देख खुला आसमान है 🌷
22 22 1212
देख खुला आसमान है ।
खुद संभाले कमान है ।।
आओं बंदिश नहीं कहीं।
जाने जो योगदान है ।।
सच में गहरा रिश्ता यहाँ ।
अपनी आज पहचान है ।।
रातों की नींद मधुरतम ।
दिन बहुतेरे जहान है ।।
कहते खेदू खरा खरा ।
अपना भारत महान है ।।
………✍डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
27-9-2023बुधवार

162 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*कभी अच्छाई पाओगे, मिलेगी कुछ बुराई भी 【मुक्तक 】*
*कभी अच्छाई पाओगे, मिलेगी कुछ बुराई भी 【मुक्तक 】*
Ravi Prakash
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
तुम्हारे भाव जरूर बड़े हुए है जनाब,
Umender kumar
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
माँ गौरी रूपेण संस्थिता
Pratibha Pandey
राज़ की बात
राज़ की बात
Shaily
हाँ, कल तक तू मेरा सपना थी
हाँ, कल तक तू मेरा सपना थी
gurudeenverma198
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
गिराता और को हँसकर गिरेगा वो यहाँ रोकर
आर.एस. 'प्रीतम'
2306.पूर्णिका
2306.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
****जानकी****
****जानकी****
Kavita Chouhan
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
मन को भाये इमली. खट्टा मीठा डकार आये
Ranjeet kumar patre
💐प्रेम कौतुक-182💐
💐प्रेम कौतुक-182💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सरकार के सारे फ़ैसले
सरकार के सारे फ़ैसले
*Author प्रणय प्रभात*
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
मुखड़े पर खिलती रहे, स्नेह भरी मुस्कान।
surenderpal vaidya
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
रास्ते है बड़े उलझे-उलझे
Buddha Prakash
प्रेमचन्द के पात्र अब,
प्रेमचन्द के पात्र अब,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जिंदगी का सवेरा
जिंदगी का सवेरा
Dr. Man Mohan Krishna
मायके से दुआ लीजिए
मायके से दुआ लीजिए
Harminder Kaur
संवरना हमें भी आता है मगर,
संवरना हमें भी आता है मगर,
ओसमणी साहू 'ओश'
झुर्रियों तक इश्क़
झुर्रियों तक इश्क़
Surinder blackpen
जंग के भरे मैदानों में शमशीर बदलती देखी हैं
जंग के भरे मैदानों में शमशीर बदलती देखी हैं
Ajad Mandori
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
Aarti sirsat
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"अंगूर"
Dr. Kishan tandon kranti
" पाती जो है प्रीत की "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
शुक्रिया जिंदगी!
शुक्रिया जिंदगी!
Madhavi Srivastava
वर्तमान
वर्तमान
Shyam Sundar Subramanian
वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो …
sushil sarna
Loading...