शहीद रामचन्द्र विद्यार्थी
जिसकी गाथा दुनिया गाती।
चौड़ी कर गया सबकी छाती।।
अपने कुल का मान बढ़ाया।
भारत मां की लाज बचाया।।
नौतन हथियागढ़ का वासी।
बाल वीर असली संन्यासी।।
तोड़ गया जो सबके बंधन।
करे जगत जिसका अभिनंदन।।
चार सूतों में छोटे भ्राता।
था माता से गहरा नाता।।
मात नाम जिन मोतीरानी।
बाबूलाल तात जग जानी।।
“भारत छोड़ो” का दे नारा।
बापू ने ज्यों देश पुकारा।।
जाग उठे फिर सब नर-नारी।
बाल वीर ने की तैयारी।।
लेकर अपनी छोटी टोली।
भारत मां के जय की बोली।।
निकल पड़ा भरदुल का नाती।
चौड़ी कर के खुद की छाती।।
पहुंच कचहरी हाथ बढ़ाया।
ब्रिटिश चिन्ह को धूल चटाया।।
गूंज उठा फिर तब जग सारा।
भारत मां की सुन जयकारा।।
बस तेरह की उमर मे भाया।
थाम तिरंगा को फहराया।।
ज्यों ही राष्ट्र ध्वज लहराया।
पापी ने आवाज लगाया।।
एक एक कर तीन चलाई।
भारत मां निज लाल गँवाई।।
हो गई छलनी उसकी छाती।
हँस कर दे गया अनुपम थाती।।
भारत मां की जय का नारा।
देकर के निज जीवन सारा।।
मातृभूमि का कर्ज चुकाया।
बार बार, जय जय चिल्लाया।।
कुल दीपक वो कुल उजियारा।
रामचन्द्र है नाम वो प्यारा।।
बाल वीर वो जग का भ्राता।
“जटा”काश वो फिर आ जाता।।
✍️जटाशंकर”जटा”
14/08/2021
अमर शहीद बाल वीर रामचन्द्र विद्यार्थी जी को उनके शहादत दिवस (14/08/1942) पर समर्पित।??????