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31 Oct 2022 · 1 min read

शर्म

जब कपड़ें पहने हुआ एक इंसाँ,
नंगों के शहर में आया
चारों तरफ़ देखके नंगें,
आदमी वो शरमाया।
सारे नंगें तरस भरी,
नज़रों से उसको देख रहे थे
क्यों ये हाल बना रक्खा था,
सब मिलकर ये सोच रहे थे।
उनमें से एक नंगी बुढ़िया,
कहती है आगे आकर
इस मॉडर्न युग में भी क्यों
घूम रहे हो वस्त्र लगाकर।
बस इस प्रश्न का उत्तर दे दो
बस ये बात बता दो हमको
कपड़ें पहन के घूमने में क्या
शर्म नहीं आती है तुमको?

-जॉनी अहमद ‘क़ैस’

3 Likes · 1 Comment · 193 Views
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