शराब छोड़ दे
एक बूँद भी है खराब छोड़ दे
मेरे दोस्त तू शराब छोड़ दे
मुझपे जो ऐतबार है तुझे
फिर सारा हिसाब छोड़ दे
काँटे कोई न देखेगा फिर
टहनी पे एक गुलाब छोड़ दे
जो हक़ीक़त मे मुमकिन नही
ऐ ‘अर्श’ ऐसे ख़्वाब छोड़ दे
एक बूँद भी है खराब छोड़ दे
मेरे दोस्त तू शराब छोड़ दे
मुझपे जो ऐतबार है तुझे
फिर सारा हिसाब छोड़ दे
काँटे कोई न देखेगा फिर
टहनी पे एक गुलाब छोड़ दे
जो हक़ीक़त मे मुमकिन नही
ऐ ‘अर्श’ ऐसे ख़्वाब छोड़ दे